Moon Conjunct vs. Aspected by Other Planets | How It Shapes Your Personality in Vedic Astrology
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🟡 बृहस्पति प्रथम भाव में (Jupiter in the 1st House / Lagna) भाव स्वरूप: प्रथम भाव, जिसे लग्न या आत्मभाव कहते हैं, व्यक्ति की शारीरिक बनावट, व्यक्तित्व, आत्मबल, स्वास्थ्य, दृष्टिकोण, और जीवन की समग्र दिशा का प्रतिनिधि होता …
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🟡 बृहस्पति तृतीय भाव में (Jupiter in the 3rd House) भाव स्वरूप: तृतीय भाव को “पराक्रम भाव”, “साहस, प्रयास, भाई-बहन, संचार, लेखन, कला, यात्रा, और इच्छा शक्ति” का कारक माना जाता है। यह भाव निजी प्रयास, संचार शैली, …
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🟡 बृहस्पति चतुर्थ भाव में (Jupiter in the 4th House) भाव स्वरूप: चतुर्थ भाव को “सुख स्थान”, “मातृ भाव”, और “गृह, वाहन, शिक्षा, मानसिक शांति, स्थायी संपत्ति” का भाव माना जाता है। यह भाव जीवन के आंतरिक सुख, …
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🟡🟩 बृहस्पति – बुध युति के फल (Jupiter – Mercury Conjunction in Vedic Astrology) यह युति “ज्ञान और तर्क”, “धर्म और बुद्धि”, “शास्त्र और व्यवहार” का संगम मानी जाती है। बृहस्पति (गुरु) और बुध (बुद्धि, संवाद) का मिलन …
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🟡 बृहस्पति दशम भाव में (Jupiter in the 10th House) भाव का स्वरूप: दशम भाव को “कर्म भाव”, “व्यवसाय भाव”, और “राजकीय मान-सम्मान” का भाव कहा जाता है। यह जीवन में कर्म, कैरियर, पेशा, यश, शासन, प्रतिष्ठा, सामाजिक …
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गजकेसरी योग – क्यों है यह विशेष? गज (हाथी) + केसरी (सिंह) = राजसी, बलशाली, बुद्धिमान व्यक्तित्व का प्रतीक योग 🔱 1. ग्रहों का दिव्य मेल गजकेसरी योग चंद्रमा और बृहस्पति – दो सौम्य, शुभ, और मानसिक-आध्यात्मिक बल …
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यह एक अत्यंत गूढ़ और सुंदर प्रश्न है: “ज्योतिष के माध्यम से यह कैसे देखें कि किसी से विवाह केवल इस जन्म का नहीं, बल्कि पूर्व-जन्मों का भी संबंध है?” वैदिक ज्योतिष में कुछ ऐसे संकेत (indicators) होते …
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🪐 बुध ग्रह तृतीय भाव में — वैदिक ज्योतिष अनुसार विस्तृत विश्लेषण (हिंदी में) तृतीय भाव (Third House) वैदिक ज्योतिष में साहस, संचार, पराक्रम, छोटे भाई-बहन, लेखन, यात्रा, प्रयास और कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। जब बुध ग्रह …
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🪐 बुध ग्रह छठे भाव में — Vedic Astrology Analysis in Hindi छठा भाव (षष्ठ भाव) वैदिक ज्योतिष में रोग, ऋण, शत्रु, सेवा, संघर्ष, प्रतियोगिता, दिनचर्या, और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करता है। जब बुध ग्रह — जो कि …
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