मांगलिक दोष (Manglik Dosha) – वैदिक ज्योतिष में सम्पूर्ण विश्लेषण मांगलिक दोष, जिसे कुज दोष या मंगल दोष भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह (Mars) की विशिष्ट स्थितियों से उत्पन्न एक योग है जो विवाह …
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मांगलिक दोष (Manglik Dosha) – वैदिक ज्योतिष में सम्पूर्ण विश्लेषण मांगलिक दोष, जिसे कुज दोष या मंगल दोष भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह (Mars) की विशिष्ट स्थितियों से उत्पन्न एक योग है जो विवाह …
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शनि-बृहस्पति युति के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण (Saturn-Jupiter Conjunction in Vedic Astrology) जब शनि (Saturn) और बृहस्पति (Jupiter) एक ही राशि या भाव में युति (conjunction) में होते हैं, तो यह योग जीवन में धैर्यपूर्ण …
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शनि की महादशा के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण शनि (Saturn) की महादशा (Shani Mahadasha) एक दीर्घकालिक और अत्यंत प्रभावशाली काल होता है जो व्यक्ति के जीवन में गहन परिवर्तन, कर्मिक परिणाम, और मानसिक परिपक्वता लाता …
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शनि आत्मकारक (Saturn as Atmakaraka) – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत व्याख्या वैदिक ज्योतिष की जैमिनी पद्धति में आत्मकारक ग्रह (Atmakaraka) वह ग्रह होता है जो कुंडली में सबसे अधिक अंशों पर स्थित होता है। यह ग्रह आत्मा के …
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शनि की साढ़े साती के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तार से शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) एक महत्वपूर्ण गोचर (transit) है जो जातक के जीवन में गहन प्रभाव डालती है। यह तब प्रारंभ होती है …
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