शनि ग्रह दशमांश कुंडली (D10 Chart) में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण (Saturn in Dashamsha Chart – Vedic Astrology) 🪔 दशमांश कुंडली (D10 Chart) का महत्व: D10 कुंडली, जिसे दशमांश चार्ट या कर्मांश कुंडली कहा जाता है, …
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शनि ग्रह दशमांश कुंडली (D10 Chart) में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण (Saturn in Dashamsha Chart – Vedic Astrology) 🪔 दशमांश कुंडली (D10 Chart) का महत्व: D10 कुंडली, जिसे दशमांश चार्ट या कर्मांश कुंडली कहा जाता है, …
Read moreशुक्र ग्रह नवमांश कुंडली (D9 Chart) में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण (Venus in Navamsa Chart – Vedic Astrology) 🔷 शुक्र ग्रह का महत्व: विषय विवरण स्वभाव शुभ ग्रह, भोग-विलास, प्रेम, कला, सौंदर्य, विवाह स्वामी वृषभ और …
Read moreवैदिक ज्योतिष में लग्नेश (Lagnesh) – संपूर्ण विवेचना लग्नेश (Lagnesh) वह ग्रह होता है जो कुंडली के लग्न (Ascendant / प्रथम भाव) की राशि का स्वामी होता है। यह ग्रह जातक के व्यक्तित्व, जीवन की दिशा, स्वास्थ्य, आत्मबल …
Read moreराहु ग्रह के नवमांश कुंडली (D9 Chart) में 12 भावों में फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तार से विश्लेषण नवमांश कुंडली (D9 chart) व्यक्ति की आत्मिक परिपक्वता, विवाह, जीवनसाथी, भाग्य और धर्म से संबंधित सूक्ष्म और गूढ़ संकेत …
Read moreबृहस्पति ग्रह का नवमांश कुंडली (D9 Chart) में महत्व – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विवेचन नवमांश कुंडली (Navamsa Chart), जिसे D9 चार्ट कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में जीवनसाथी, वैवाहिक जीवन, भाग्य, और आत्मिक परिपक्वता का सूक्ष्म विश्लेषण …
Read moreमांगलिक दोष (Manglik Dosha) – वैदिक ज्योतिष में सम्पूर्ण विश्लेषण मांगलिक दोष, जिसे कुज दोष या मंगल दोष भी कहा जाता है, वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह (Mars) की विशिष्ट स्थितियों से उत्पन्न एक योग है जो विवाह …
Read moreशनि-बृहस्पति युति के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण (Saturn-Jupiter Conjunction in Vedic Astrology) जब शनि (Saturn) और बृहस्पति (Jupiter) एक ही राशि या भाव में युति (conjunction) में होते हैं, तो यह योग जीवन में धैर्यपूर्ण …
Read moreशनि की महादशा के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण शनि (Saturn) की महादशा (Shani Mahadasha) एक दीर्घकालिक और अत्यंत प्रभावशाली काल होता है जो व्यक्ति के जीवन में गहन परिवर्तन, कर्मिक परिणाम, और मानसिक परिपक्वता लाता …
Read moreशनि आत्मकारक (Saturn as Atmakaraka) – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत व्याख्या वैदिक ज्योतिष की जैमिनी पद्धति में आत्मकारक ग्रह (Atmakaraka) वह ग्रह होता है जो कुंडली में सबसे अधिक अंशों पर स्थित होता है। यह ग्रह आत्मा के …
Read moreशनि की साढ़े साती के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तार से शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) एक महत्वपूर्ण गोचर (transit) है जो जातक के जीवन में गहन प्रभाव डालती है। यह तब प्रारंभ होती है …
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