यह रहा बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर (14 मई 2025 से) का बारह लग्नों के अनुसार विस्तृत ज्योतिषीय विश्लेषण –
🌟 बृहस्पति गोचर मिथुन में – 14 मई 2025
(Vedic Astrology अनुसार)
📅 गोचर विवरण:
- तिथि: 14 मई 2025
- बृहस्पति का गोचर: वृषभ से मिथुन राशि में
- राशि स्वामी: बुध (Mercury)
- बृहस्पति की स्थिति: बुध के घर में — तटस्थ संबंध
- नक्षत्र: मृगशिरा (3-4 चरण), आद्र्रा, पुनर्वसु (1-3 चरण)
- प्रभाव अवधि: मई 2025 से जून 2026 तक
🧠 मिथुन राशि में बृहस्पति गोचर का सामान्य प्रभाव:
- बुद्धि, संवाद कौशल, शिक्षण, लेखन, भाषण, नेटवर्किंग, यात्रा और व्यापार में विस्तार
- चिंतनशीलता, जिज्ञासा और नई जानकारी के लिए तीव्र रुचि
- लेकिन गंभीरता की कमी, अस्थिर सोच, और द्वैत भाव भी संभव
♈ मेष लग्न (Aries Ascendant):
स्थान: तीसरा भाव
➡️ साहस, लेखन, पत्रकारिता, मीडिया क्षेत्र में वृद्धि।
➡️ भाई-बहनों से सहयोग और यात्रा के योग।
➡️ आध्यात्मिकता में रुचि मेहनत के माध्यम से बढ़ेगी।
♉ वृषभ लग्न (Taurus Ascendant):
स्थान: दूसरा भाव
➡️ वाणी में मिठास, वित्तीय स्थिति में सुधार।
➡️ परिवार में सुख और भोजन में रुचि बढ़ेगी।
➡️ निवेश और धन संग्रह के लिए शुभ समय।
♊ मिथुन लग्न (Gemini Ascendant):
स्थान: प्रथम भाव
➡️ आत्म-विश्वास, व्यक्तित्व में तेज और धर्मिक झुकाव।
➡️ स्वास्थ्य में सुधार, नया अध्याय शुरू हो सकता है।
➡️ उच्च शिक्षा और विवाह के योग भी बन सकते हैं।
♋ कर्क लग्न (Cancer Ascendant):
स्थान: द्वादश भाव
➡️ विदेश यात्रा, आध्यात्मिकता, ध्यान और सेवा में रुचि।
➡️ खर्चों में वृद्धि लेकिन धार्मिक या उपयोगी कारणों से।
➡️ ध्यान रखें: अनावश्यक खर्च और मानसिक विचलन से बचें।
♌ सिंह लग्न (Leo Ascendant):
स्थान: एकादश भाव
➡️ आय में वृद्धि, लाभ, मित्रों से सहयोग।
➡️ इच्छाओं की पूर्ति, नए संपर्क और अवसर मिलेंगे।
➡️ समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
♍ कन्या लग्न (Virgo Ascendant):
स्थान: दशम भाव
➡️ करियर में उन्नति, पदोन्नति और नेतृत्व के अवसर।
➡️ सामाजिक छवि मजबूत होगी।
➡️ सलाहकार, शिक्षक या पब्लिक स्पीकिंग से जुड़े जातकों को लाभ।
♎ तुला लग्न (Libra Ascendant):
स्थान: नवम भाव
➡️ धर्म, यात्रा, गुरु, उच्च शिक्षा और भाग्य में वृद्धि।
➡️ पिता या गुरु से लाभ और अच्छे संबंध।
➡️ जीवन दर्शन में गहराई और परिवर्तन संभव।
♏ वृश्चिक लग्न (Scorpio Ascendant):
स्थान: अष्टम भाव
➡️ शोध, गूढ़ विद्या, विरासत और अचानक लाभ।
➡️ जीवन में गहरे परिवर्तन और मनोवैज्ञानिक विकास।
➡️ स्वास्थ्य पर ध्यान दें, विशेषकर पेट संबंधी समस्याओं से बचें।
♐ धनु लग्न (Sagittarius Ascendant):
स्थान: सप्तम भाव
➡️ विवाह, साझेदारी, समझौतों और रिश्तों में सुधार।
➡️ व्यापारिक सहयोगियों से लाभ।
➡️ जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होंगे।
♑ मकर लग्न (Capricorn Ascendant):
स्थान: षष्ठ भाव
➡️ रोग, ऋण, शत्रु पर विजय।
➡️ स्वास्थ्य में सुधार, नियमित दिनचर्या लाभदायक।
➡️ प्रतियोगिता में सफलता मिलने के योग।
♒ कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant):
स्थान: पंचम भाव
➡️ संतान सुख, विद्या, सृजनात्मक कार्यों और प्रेम में वृद्धि।
➡️ विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए शुभ समय।
➡️ नई संकल्पनाओं पर कार्य करने का उत्तम काल।
♓ मीन लग्न (Pisces Ascendant):
स्थान: चतुर्थ भाव
➡️ घर, संपत्ति, माँ का स्वास्थ्य और वाहन से संबंधित योग।
➡️ मानसिक शांति और घरेलू सुख बढ़ेगा।
➡️ प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त के योग।
🪔 उपाय और अनुशंसा (Remedies & Guidance):
- गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें
- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जप करें (108 बार)
- हल्दी का तिलक लगाएं
- मिथुन की चंचलता से बचें और ज्ञान को गहराई से अपनाएं
अगर आप चाहें तो मैं इस गोचर के चंद्र लग्न (Moon sign) या नक्षत्र आधारित फल भी दे सकता हूँ। बताइए!