बृहस्पति की शुभ पंचम, सप्तम और नवम दृष्टि के फल - बड़े से बड़े दोष को निष्फल कर दे 2 weeks ago

बृहस्पति की शुभ पंचम, सप्तम और नवम दृष्टि के फल _Astrologer Nipun _Joshi

🟡 बृहस्पति की दृष्टियाँ और उनके विशेष शुभ फल

बृहस्पति (Jupiter) वैदिक ज्योतिष में एकमात्र ग्रह है जिसे तीन विशेष दृष्टियाँ (Aspects) प्राप्त हैं:

  • पंचम दृष्टि (5th aspect)
  • सप्तम दृष्टि (7th aspect)
  • नवम दृष्टि (9th aspect)

इन दृष्टियों का महत्व अत्यंत शुभ होता है क्योंकि बृहस्पति धर्म, ज्ञान, गुरु, बच्चों, भाग्य और विकास का प्रतिनिधि है।


🔭 1. पंचम दृष्टि (5th Aspect)

➡️ बृहस्पति जहाँ स्थित होता है, वहाँ से पाँचवें स्थान को देखता है।

🔷 फल:

  • यह संतान, शिक्षा, रचनात्मकता, और बुद्धि को उन्नत करती है।
  • जातक शिक्षा में श्रेष्ठ, गूढ़ ज्ञान, और बुद्धिमत्ता में तेज होता है।
  • संतान से सुख और सहयोग मिलता है।
  • कला, लेखन, संगीत में रुचि और रचनात्मक विचारशीलता प्रदान करती है।
  • पंचम दृष्टि में आने वाला भाव पवित्र, ज्ञानमय और सुरक्षित होता है।

🕉️ उदाहरण: यदि बृहस्पति लग्न में हो, तो वह पंचम भाव (5th house) को देखेगा — यह संतान योग, उच्च शिक्षा और विद्वत्ता का सूचक होगा।


🔭 2. सप्तम दृष्टि (7th Aspect)

➡️ यह सामान्य दृष्टि है जो सभी ग्रहों को प्राप्त होती है — लेकिन बृहस्पति की सप्तम दृष्टि सौम्य एवं शुभ मानी जाती है।

🔷 फल:

  • विवाह, जीवनसाथी, साझेदारी, वैवाहिक सुख को सकारात्मक बनाती है।
  • व्यक्ति को समझदार, धार्मिक और उदार जीवनसाथी प्राप्त होता है।
  • साझेदारी में लाभ और भरोसेमंद सहयोगी मिलते हैं।
  • सामाजिक संबंधों में सौहार्द और नैतिकता बनाए रखती है।

🕉️ यदि सप्तम भाव में कोई पाप ग्रह हो और बृहस्पति की दृष्टि उस पर पड़े, तो वह दोषों को शमन करता है।


🔭 3. नवम दृष्टि (9th Aspect)

➡️ यह दृष्टि बृहस्पति की सबसे शक्तिशाली और शुभ दृष्टि मानी जाती है।

🔷 फल:

  • यह धर्म, भाग्य, गुरु, उच्च शिक्षा, दीर्घ यात्राएं, और भाग्योदय को प्रबल बनाती है।
  • जातक को उच्च नैतिकता, गुरु कृपा, और धार्मिक उन्नति मिलती है।
  • भाग्य अचानक खुल सकता है; जीवन में समयानुसार सकारात्मक परिवर्तन आता है।
  • व्यक्ति धार्मिक यात्राओं, तीर्थों, और आध्यात्मिक अनुभवों में रुचि रखता है।

🕉️ यदि नवम भाव में पाप ग्रह हो और बृहस्पति उस पर दृष्टि डाले, तो पाप प्रभाव को काफी हद तक शुद्ध करता है।


🌿 सारांश रूप में:

दृष्टि प्रभावित क्षेत्र बृहस्पति का फल
पंचम (5th) शिक्षा, संतान, रचना विद्वत्ता, संतान सुख, सृजन
सप्तम (7th) विवाह, साझेदारी वैवाहिक सुख, अच्छे संबंध
नवम (9th) भाग्य, धर्म, गुरु भाग्योदय, धर्म, आध्यात्मिकता

🪔 विशेष बात:

बृहस्पति की दृष्टियाँ जिस भाव या ग्रह पर पड़ती हैं, वहाँ शांति, उन्नति, धर्म, और संरक्षण प्रदान करती हैं। यह दृष्टियाँ पाप ग्रहों को भी सुधारने में सक्षम होती हैं।

यदि आप बताएं कि आपकी कुंडली में बृहस्पति किस भाव में है, तो मैं यह भी बता सकता हूँ कि उसकी दृष्टियाँ किन भावों को देख रही हैं और आपके लिए क्या फलदायी होंगी।

author avatar
Nipun Joshi
With deep roots in the ancient Vedic science of Jyotish, Nipun is a seasoned Vedic Astrologer dedicated to guiding individuals on their journey through life using the sacred wisdom of the cosmos. Specializing in birth chart analysis, Dasha (Time Periods) predictions, and planetary transits, he blends traditional Vedic principles with intuitive insight to decode life's challenges and unlock spiritual and material growth. Over the years, Nipun has consulted thousands of individuals globally, offering clarity on career paths, marriage prospects, financial timing, spiritual evolution, and karmic patterns. Fluent in divisional charts, Yogas, nakshatras, and remedial astrology, his approach is precise, compassionate, and rooted in the classical texts of Parashara and Jaimini. Whether you're seeking guidance through a challenging period or looking to align with your soul's true purpose, Nipun's astrological counsel empowers you to navigate life with confidence and clarity.

No Replies on बृहस्पति की शुभ पंचम, सप्तम और नवम दृष्टि के फल – बड़े से बड़े दोष को निष्फल कर दे

Leave a reply

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Exclusive New Workshops

X