शनि ग्रह दशमांश कुंडली (D10 Chart) में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण 2 weeks ago

शनि ग्रह दशमांश कुंडली (D10 Chart) में वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण_Astrologer Nipun _Joshi

शनि ग्रह दशमांश कुंडली (D10 Chart) में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण
(Saturn in Dashamsha Chart – Vedic Astrology)


🪔 दशमांश कुंडली (D10 Chart) का महत्व:

D10 कुंडली, जिसे दशमांश चार्ट या कर्मांश कुंडली कहा जाता है, का उपयोग विशेष रूप से व्यवसाय, करियर, सामाजिक प्रतिष्ठा, और पेशेवर सफलता के विश्लेषण हेतु किया जाता है। यह कुंडली बताती है कि व्यक्ति का वास्तविक कार्यक्षेत्र क्या है, किस दिशा में विकास होगा, और किस प्रकार की कर्म-परीक्षा जीवन में आएगी।

शनि ग्रह – दशमांश कुंडली के प्रथम भाव में

शनि ग्रह दशमांश कुंडली के द्वितीय भाव में

शनि ग्रह दशमांश कुंडली के तृतीय भाव में


🔱 शनि ग्रह का स्वभाव और दशमांश में भूमिका:

विषय विवरण
स्वभाव धीमा, स्थायी, गंभीर, कर्म प्रधान, न्यायप्रिय, अनुशासक
कारकता श्रम, अनुशासन, दीर्घकालिक सफलता, मजदूर वर्ग, मशीनरी, शासन
दशमांश में भूमिका शनि कर्म का स्वामी है – इसलिए D10 में इसकी स्थिति अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है

🌟 यदि दशमांश में शनि शुभ हो (स्वराशि, उच्च का, शुभ दृष्टि में):

  • जातक अत्यंत कर्मनिष्ठ, अनुशासित और परिश्रमी होता है
  • धीरे-धीरे करियर में स्थायित्व और उच्च पद प्राप्त करता है
  • सरकारी सेवा, कानून, राजनीति, प्रशासन, निर्माण, खनन, धातु, मशीनरी जैसे क्षेत्रों में सफलता
  • कम बोलना, ज्यादा काम करना – यह प्रवृत्ति बनती है
  • जीवन की दूसरी अवस्था (36 के बाद) में बड़ा उन्नति योग

⚠️ यदि दशमांश में शनि अशुभ हो (नीच, पाप दृष्ट, शत्रु राशि में):

  • करियर में रुकावटें, देरी, संघर्ष और बाधाएं
  • अधिकारी वर्ग से मतभेद, प्रमोशन में विलंब
  • कार्यक्षेत्र में मानसिक दबाव और नीरसता
  • बिना मेहनत के फल नहीं मिलता – श्रम अत्यधिक होता है, परिणाम कम
  • किसी संस्था में लंबे समय तक फंसे रहना या कार्य का बोझ

🏠 दशमांश में शनि के भावानुसार संभावित फल:

दशमांश भाव शनि के संभावित फल
1st (लग्न) कर्मप्रधान जीवन, श्रमशील प्रकृति, कार्य में गंभीरता
2nd कार्य से धन की प्राप्ति धीमी गति से; परिश्रम से संचित धन
3rd साहसी निर्णय, टेक्निकल या प्रशासनिक क्षेत्र में कर्म
4th रियल एस्टेट, वाहन, घरेलू उत्पादों से जुड़ा कर्मक्षेत्र
5th शिक्षा, परामर्श, प्रशिक्षण कार्य; धीरे-धीरे यश
6th सेवा, चिकित्सा, प्रशासनिक विभाग, संघर्ष से विजय
7th व्यापार में सफलता; पार्टनरशिप में स्थिरता परंतु कठोरता
8th रिसर्च, इंश्योरेंस, मृत्यु पश्चात सेवाएं; करियर में उतार-चढ़ाव
9th धर्म, कानून, परंपरा आधारित कार्य; स्लो ग्रोथ
10th उच्च पद; कर्म का फल निश्चित; राजनीतिक या प्रशासकीय क्षेत्र
11th धीरे-धीरे आय में वृद्धि; नेटवर्किंग से लाभ
12th विदेश, हॉस्पिटल, आश्रम, सेवा कार्य; अंतर्मुखी कर्मक्षेत्र

💼 शनि दशमांश में – कौन से पेशे अनुकूल माने जाते हैं:

  • सरकार, प्रशासन, कानून, पुलिस, सेना
  • रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, खनन, मशीनरी
  • फैक्ट्री, श्रमिक प्रबंधन, लोहे-धातु से जुड़े उद्योग
  • अनुसंधान, पुरातत्व, न्यायिक सेवाएँ
  • तपस्या, आश्रम, सेवा केंद्र (यदि आध्यात्मिक प्रवृत्ति हो)

🧿 यदि दशमांश में शनि अशुभ हो, तो उपाय:

  1. “ॐ शं शनैश्चराय नमः” – प्रतिदिन 108 बार जाप करें
  2. शनिवार को काले तिल, कंबल, लोहे का दान करें
  3. गरीबों, श्रमिकों और वृद्धों की सेवा करें
  4. हनुमान जी की आराधना करें – विशेष रूप से शनि से मुक्ति के लिए
  5. कार्य में धैर्य और ईमानदारी बनाए रखें – शनि समय पर फल जरूर देता है

निष्कर्ष:

दशमांश में शनि का स्थान व्यक्ति के कर्म, संघर्ष, स्थायित्व और करियर की गहराई को दर्शाता है।
यदि यह ग्रह शुभ हो, तो जातक जीवन में धीरे-धीरे लेकिन अत्यंत स्थायी और ऊँचे पद पर पहुँचता है। यदि शनि पीड़ित हो, तो करियर में कठिन अनुभव, विलंब और बार-बार परिवर्तन देखने को मिलते हैं।

👉 यदि आप चाहें तो अपनी D10 और D1 कुंडली के आधार पर शनि की सटीक भूमिका और करियर सुझाव भी प्राप्त कर सकते हैं।

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Nipun Joshi
With deep roots in the ancient Vedic science of Jyotish, Nipun is a seasoned Vedic Astrologer dedicated to guiding individuals on their journey through life using the sacred wisdom of the cosmos. Specializing in birth chart analysis, Dasha (Time Periods) predictions, and planetary transits, he blends traditional Vedic principles with intuitive insight to decode life's challenges and unlock spiritual and material growth. Over the years, Nipun has consulted thousands of individuals globally, offering clarity on career paths, marriage prospects, financial timing, spiritual evolution, and karmic patterns. Fluent in divisional charts, Yogas, nakshatras, and remedial astrology, his approach is precise, compassionate, and rooted in the classical texts of Parashara and Jaimini. Whether you're seeking guidance through a challenging period or looking to align with your soul's true purpose, Nipun's astrological counsel empowers you to navigate life with confidence and clarity.

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